Shurpanakha Dahan (Image Credit-Social Media)
Shurpanakha Dahanइंदौर दशहरा मेला: बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक रावण दहन की परंपरा सदियों से चली आ रही है। लेकिन इस बार इंदौर में इस परंपरा में एक नया और विवादास्पद मोड़ देखने को मिल रहा है। यहाँ विजयादशमी पर रावण के पुतले के बजाय उन पत्नियों के पुतले जलाए जाएंगे, जिन्होंने अपने पतियों की हत्या की है। यह आयोजन 'पौरुष' नामक संस्था द्वारा किया जा रहा है, जो पुरुषों के अधिकारों की रक्षा के लिए काम करती है।
पुतले जलाने का उद्देश्य
इस आयोजन में उन महिलाओं के प्रतीकात्मक पुतले जलाए जाएंगे, जिन पर अपने पतियों की हत्या का आरोप है। इसमें इंदौर की सोनम रघुवंशी और आगरा की मुस्कान रस्तोगी जैसी महिलाएं शामिल होंगी। इस कदम को लेकर शहर में सोशल मीडिया और स्थानीय मीडिया में काफी चर्चा हो रही है।
पौरुष संस्था का दृष्टिकोण पुरुषों के खिलाफ हो रहा अन्याय
पौरुष संस्था के अध्यक्ष अशोक दशोरा का कहना है कि पुरुषों के साथ सामाजिक और कानूनी स्तर पर अन्याय हो रहा है। उनका मानना है कि कई युगों से महिलाओं द्वारा किए गए अपराधों का बुरा असर पुरुषों पर पड़ता आया है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि त्रेतायुग में शूर्पणखा के अनैतिक प्रस्ताव के कारण राम और रावण के बीच युद्ध हुआ था।
दशहरे पर नया रूप - शूर्पणखा और उसकी सेना के पुतलों का दहन
किलर पत्नियों का प्रतीकात्मक दहन
इस आयोजन में इंदौर की सोनम रघुवंशी और आगरा की मुस्कान रस्तोगी सहित उन महिलाओं के पुतले जलाए जाएंगे, जिन पर अपने पतियों की हत्या का आरोप है। आयोजकों का कहना है कि यह केवल एक प्रतीकात्मक कदम है और इसका उद्देश्य समाज में उन पुरुषों के लिए न्याय की मांग को उजागर करना है।
विवाद का रूप ले रहा यह आयोजन
You may also like
शाहरुख़ ख़ान दुनिया के सबसे अमीर सेलेब्रिटीज़ में शुमार, जानिए कितनी संपत्ति के हैं मालिक?
AFG vs BAN 1st T20: अफगानिस्तान बनाम बांग्लादेश, यहां देखें Match Prediction और संभावित प्लेइंग XI
मस्जिद के बाहर विवादित पोस्टर लगाने के बाद पुलिस ने शुरू की जांच
अश्रुपूरित नेत्रों से मां भगवती को दी गई विदाई,नदी और तालाबों में किया गया प्रतिमा विसर्जित
Chanakya Niti बस रात तो सोने से` पहले करें ये काम पत्नी कभी तलाक नहीं मांगेगी